Aarti : Ganesh Ji ki Aarti | गणेश जी की आरती

Ganesh Ji ki Aarti
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भगवान गणेश (Ganesh) हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक है। भगवान गणेश (Lord Ganesha) को विघ्नहर्ता कहा जाता है| हिंदू धर्म में गणेश जी को प्रथम पूज्य माना गया है। कोई भी शुभ काम करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है | गणेश जी (ganesh ji) को गणपति (ganpati) और विनायक (vinayak) के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि गजानन (gajanan) की पूजा करने से आपके हर कार्य शुभ-शुभ होते हैं |

शिव पुराण (shiv puran) के अनुसार, भगवान गणेश के दो बेटे थे। जिनका नाम शुभ और लाभ है | शुभ की माता देवी रिद्धि थीं और लाभ की माता देवी सिद्धि | जहां भगवान गणेश का वास होता है, वहां पर रिद्धि, सिद्धि, शुभ और लाभ का वास भी होता है।भगवान गणेश की पूजा करने से बुद्धि, समृद्धि और शुभता बढ़ती है। भगवान गणेश हर काम को निर्विध्न सफल करते हैं। इसीलिए इन्हे विघ्नहर्ता भी कहा जाता है |

हिंदू पंचांग के अनुसार, बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। गणपति जी (ganpati) की पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन हर्षोल्लास से भर जाता है | इनकी पूजा करने से दाम्पत्य जीवन में सुख और सौभाग्य आता है और घर में समृद्धि बढ़ती है। गणेश जी की आरती करने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. गणेश जी को बुद्धिदाता भी कहा गया है. इसलिए गणेश जी की आरती करने से सद्बुद्धि आती है

गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) गणेश जी की पूजा के लिए मुख्य त्यौहार है और ये हर साल अगस्त या सितम्बर में आता है | हर महीने की चतुर्थी तिथि को भी गणेश जी की पूजा करने का विधान है क्योंकि गणपति इस तिथि के स्वामी हैं | इसके अलावा हर बुधवार को भी गणेश जी की पूजा और आरती करनी चाहिए।

Ganesh Ji ki Aarti की विधि

आरती शुरू करने से पहले 3 बार शंख बजाएं। शंख बजाते समय मुंह उपर की तरफ होना चाहिए। शंख बजाने का सही तरीका यह है कि शंख को धीमे स्वर में शुरू करते हुए धीरे-धीरे बढ़ाएं।

तत्पश्चात गणेश जी की आरती आरम्भ करें। आरती करते हुए सुर और लय का ध्यान रखना भी काफी आवश्यक है | आरती करते हुए ताली बजाएं और साथ साथ झांझ, मझीरा, तबला, हारमोनियम आदी वाद्य यंत्र बजाएं। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि आरती करते समय शब्दों का उच्चारण सही तरीके से हो |

आरती के लिए शुद्ध कपास यानी रूई से बनी घी की बत्ती का प्रयोग करें। कपूर आरती करने का भी विधान है परन्तु तेल की बत्ती का उपयोग नहीं करना चाहिए | बत्तियाें की संख्या एक, पांच, नौ, ग्यारह या इक्किस हो सकती है।

Ganesh Aarti – Lyrics

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

ganesh
गणेश जी की आरती

माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

ganpati
ganesh aarti

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

aarti
Lord Ganesha

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

ganpati aarti
ganpati

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

Ganesh Ji ki Aarti – Video

आरती

FAQs

गणेश जी की आरती कितने बजे करनी चाहिए?

गणेश जी की आरती सुबह और शाम दोनों समय करनी चाहिए।

गणेश जी की पूजा करने से क्या फल मिलता है?

भगवान गणेश का पूजन करने से सभी विघ्न और बाधाएं समाप्त हो जाते हैं। इसीलिए इन्हे विघ्नहर्ता भी कहा गया है | यदि पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान गणेश जी की पूजा की जाए तो जीवन की परेशानियों और समस्याओं का समाधान हो जाता है।

गणेश जी की आराधना करने से क्या होता है?

जो भी भक्त गणेश जी की पूजा करते हैं उनकी सभी परेशानियों का नाश हो जाता है | श्री विनायक की आराधना करने से सुख-समृद्धि और धन का लाभ होता है। गणपति पूजन से भक्त को जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

आरती के बाद क्या करना चाहिए?

घर में किसी भी देवी देवता आरतिमकरने के पश्चात् जल से आचमन करना अति आवश्यक है | इसके लिए फूल या पूजा वाले चम्मच में थोड़ा सा जल लेकर दीपक के चारों ओर दो बार घुमाकर जल दजमीन पर छोड़ दें | प्रभु से किसी भी भूल चूक के लिए क्षमा – याचना करें और फिर सभी उपस्थितगणों को आरती लेनी चाहिए |

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